मध्यप्रदेश के सियासी घटनाक्रम ने एक बार फिर नाटकीय मोड़ ले लिया है. विधानसभा सत्र हुआ था हर नजर राज्यपाल के अभिभाषण और उसके बाद की कार्रवाई पर टिकी थी. विधानसभा की कार्यवाही पूरे विधिविधान से शुरू हुई. राज्यपाल का अभिभाषण भी हुआ. बमुश्किल एक मिनट ही गुजरा था और राज्यपाल का अभिभाषण समाप्त भी हो गया. अपने छोटे से अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि मैं सभी माननीय सदस्यों को शुभकामनाओं के साथ यह सालह देना चाहता हूं कि प्रदेश की जो स्थिति है उसमें जिसका अपना दायित्व है वह शांतिपूर्ण तरीके से निष्ठा पूर्वक और संविधान के द्वारा परंपरा के अलावा नियमों के साथ उसका पालन करें ताकि मध्य प्रदेश का जो गौरव है लोकतांत्रिक परंपरा है उनकी रक्षा हो सके यह मैं आपको सलाह देने के लिए कहा है. राज्यपाल के अभिभाषण के कुछ ही देर बाद विधानसभा का सत्र 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया. सत्र शुरू होने से पहले ये माना जा रहा था कि राज्यपाल सत्ता पक्ष पर बहुमत साबित करने का दबाव बना सकते हैं. लेकिन जिस तरह राज्यपाल ने कोई सख्ती नहीं दिखाई उसे देखकर शायद विपक्ष यानि कि बीजेपी भी यही सोच रही होगी कि राज्यपाल ने ऐसा फैसला क्यों लिया.