जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया होगी सरल पांच सदस्यी समिति का गठन विभिन्न राज्यों में जाकर करेगी अध्ययन
छत्तीसगढ़ में जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया के सरलीकरण करने के उद्देश्य से पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति विभिन्न राज्यों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया का अध्ययन करेगी और झारखंड, ओड़िशा राज्यों का दौरा कर वहां जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया देखेगी और अपने सुझाव देगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक में यह फैसला किया गया। मुख्यमंत्री ने फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी कर रहे लोगों पर जांच के बाद सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सीएम ने एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों का जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए। बैठक में आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत सहित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति के सदस्य विधायक गुलाब कमरो, बृहस्पति सिंह, चिंतामणि महाराज, डॉ. प्रीतमराम, यू.डी.मिंज, रामपुकार सिंह, चक्रधर सिंह, उत्तरी गणपत जांगड़े, ननकीराम कंवर, पुरूषोत्तम कंवर, मोहितराम, पुन्नूलाल मोहले, किस्मत लाल नंद, चंद्रदेव प्रसाद राय, गुरूदयाल सिंह बंजारे, भुवनेश्वर शोभाराम बघेल, अनूप नाग, मनोज सिंह मंडावी,विक्रम मंडावी,मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर, पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, आदिम जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह और गृह विभाग के सचिव श्री अरूण देव गौतम भी मौजूद थे।