छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के बचेली में NMDC (National Mineral Development Corporation) के खिलाफ आदिवासियों का एक विशाल प्रदर्शन शुरू हो गया है। स्थानीय ग्रामीण और आदिवासी बैलाडीला की Deposit 13 नंबर लौह अस्यक खदान अडानी ग्रुप को देने का विरोध कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सुबह तीन बजे से ही आदिवासी यहां प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन को प्रदेश की सत्ताधारी कांग्रेस के अलावा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे), आम आदमी पार्टी, सीपीआई जैसे राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। बताया जाता है कि जिस स्थान पर यह 13 नंबर खदान मौजूद है उस नंदाराज पहाड़ को आदिवासी अपना आराध्य मानते हैं। आदिवासियों का आरोप है कि इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ यहां के घने जंगलों को उजाड़ दिया जाएगा बल्कि यहां रहने वाले आदिवासियों को भी विस्थापित होना पड़ेगा। नंदाराज पहाड़ को बचाने के लिए सर्व ग्राम पंचायत और जन संघर्ष समिति के बैनर तले आदिवासी आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में सामजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी भी शामिल होगी। इसके अलावा बताया जा रहा है कि जनता कांग्रेस जे के सुप्रीमो अजीत जोगी भी इस आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अडानी ग्रुप ने सितंबर 2018 को बैलाडीला आयरन ओर माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड यानी BIOMPL नाम की कंपनी बनाई और दिसंबर 2018 को केन्द्र सरकार ने इस कंपनी को बैलाडीला में खनन के लिए 25 साल की लीज दे दी। राज्य व केंद्र सरकार के बीच हुए करार के तहत संयुक्त उपक्रम NCL का गठन किया गया था, लेकिन बाद में इसे निजी कंपनी अडानी इंटरप्राइजेस लिमिटेड को 25 साल के लिए लीज हस्तांतरित कर दिया गया। आदिवासियों के इस आंदोलन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। इस आंदोलन में नक्सलियों के शामिल होने की भी जांच की जा रही है और नक्सलियों की पहचान के लिए गुप्त रूप से इंटेलिजेंस के लोग तैनात किए गए हैं। आदिवासियों का यह आंदोलन नक्सली स्वरूप न ले ले इसके लिए पुलिस और प्रशासन के लोग भी कोशिश में जुटे हैं।