क्या सचमुच मध्यप्रदेश के मंत्रियों और विधायकों की जासूसी हो रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि ये जासूसी कौन करवा रहा है । सूत्रों की माने तो ये जासूसी कोई और नहीं खुद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ करवा रहे है। प्रदेश में कांग्रेस की अल्पमत सरकार की सरकार है और सूत्रों की माने तो विधायकों की खरीद फरोख्त का डर प्रदेश कांग्रेस के आला नेताओं को सता रहा है। कमलनाथ का आरोप है कि बीजेपी की ओर से उनके विधायको को मंत्री पद से लेकर मोटी रकम की लालच दी जा रही है।
खासतौर पर
1- विधायक किससे मिल रहे हैं कौन उनके पास आ जा रहा है इसकी निगरानी की जा रही है
2- विधायकों को कौन—कौन फोन कर रहा है, कितनी देर बात हो रही है, और किस बारे में बात हो रही है
3- जिन विधायकों को कांग्रेस कमजोर कड़ी के तौर पर देख रही है उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
4- लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद से सरकार की ये खुफिया निगाह और तेज हो चुकी है
और इसका कारण है कुछ ऐसे विधायकों का साथ होना जो चुनावों के पहले बीजेपी में थे और टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस में आ गए ।
वक्त के साथ दलबदलू होते विधायक अब सरकार के गले की हड्डी बनते जा रहे है। क्योंकि इस तरह के विधायकों की सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष के लोगो में भी अच्छी पकड़ होती है और मौके पाते ही ये कभी भी किसी भी पाले में जा खडे होते है। हालांकि तमाम सारी अटकलों के बीच खुद कमलनाथ ने मोर्चा सम्हाला और विधायकों के साथ बैठक के बाद एकजुट होने का दावा किया। लेकिन ये दावा कितना मजबूत है ये अभी कह पाना मुश्किल है…