यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर सीबीआई की गिरफ्त में हैं. उन पर ईडी का आरोप है कि कंपनियों को लोन देने के बदले राणा ने 6 सौ करोड़ की रिश्वत ली. लेकिन राणा को पकड़ना इतना आसान नहीं था. पिछले साल जनवरी में बैंक के सीईओ का पद छोड़ने के बाद कपूल लंदन चले गए थे. वहां से उन्हें वापस लाने के लिए मोदी सरकार ने पूरा प्लान तैयार किया. ताकि भारत को माल्या और नीरव मोदी की तर्ज पर एक और भगोड़े की गिनती न गिननी पड़े. बैंक को डूबने से बचाने के लिए सरकार नए निवेशक तलाश रही थी. एक अखबार का दावा है कि राणा खुद बैंक को मिलने वाले निवेशकों को भड़का कर भगा देता था. जिसके बाद ईडी और सरकार ने पूरी प्लानिंग की. राणा को ये जताया गया कि बैंक खुद नया निवेशक नहीं ढूंढ पा रहा है. वो फारत आकर दोबारा बैंक की कमान लेकर उसे पटरी पर ला सकते हैं. इस प्रस्ताव के बाद राणा भारत लौटे और सारी एजेंसीज ने उन्हें घेरने का ऐसा प्लान तैयार किया कि वो दोबारा न भाग सके. राणा ने बैंक का चार्ज लिया और काम शुरू कर दिया. इसके बाद मौका देखकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.