दरअसल मप्र में हाईकोर्ट के आदेश के बाबजूद भी नगर सेना के सेनिको को एक साल की जगह दस माह ही नौकरी पर रखा जा रहा है . जिससे इनके सामने पारवारिक संकट शुरू हो गया. इन लोगों ने सर्कार के साथ अपने बरिष्ठ अधिकारिओं पर भी वादा खिलाफी का आरोप लगा गया है . इनका कहना है की हम लोगों को रोटेशन के तहत घर बिठा दिया जा रहा . जिस पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश भरावा का कहना है की ये राज्य स्तरीय मुद्दा है .में मुख्यमंत्री से बात करूंगा अब देखना है . नगर की सुरक्षा करने बाली ये पुलिस अपने हक़ की लड़ाई कहाँ तक लड़ती है . रतलाम ले सुशिल खरे कि रिपोर्ट