कांग्रेस के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल तो हुए थे अपनी शर्तों के साथ लेकिन पार्टी विथ डिफरेंस ने सिंधिया को भी थोड़ा डिफरेंट बना दिया है. अब महाराज यहां झुकने पर मजबूर हो गए हैं. खासतौर से मंत्रियों के विभाग बंटवारे का मामला जब से टलता जा रहा है सिंधिया की थू थू होती जा रही है. बीजेपी नेताओं का विरोध सिंधिया के खिलाफ मुखर हो रहा है. खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान भी झुंझलाकर ये कह चुके हैं कि सारे विभाग मेरे हैं. वैसे भी ये खबरें आती रहीं हैं कि सीएम की न तो मंत्रिमंडल में नेताओं को चुनने में चली और ही विभाग बांटने में चल रही है. सारी लड़ाई मलाईदार विभागों को लेकर है. सिंधिया चाहते हैं कि उनके समर्थकों को अच्छे विभाग दिए जाएं जबकि शिवराज अपने समर्थकों को अहम विभाग दिलवाने पर अमादा हैं. ऐसे में जो पेंच उलझा तो शिवराज सारे हथियार डाल कर भोपाल लौट आए. दिल्ली में मंथन का दौर चलता रहा. इस बीच बीजेपी नेता खुल कर सिंधिया जी पर निशाना साधने लगे. जिनके आगे महाराज ने घुटने टेक दिए हैं. खबर है कि खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को फोन किया और मंत्रियों को विभाग बांटने पर चर्चा की है. माना जा रहा है कि सिंधिया समझौते के मोड में आ गए हैं. जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अब मंत्रियों को विभाग बंटने का काम जल्द हो जायेगा.
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