Kamalnath भी आखिर समझ ही गए. कितना जरूरी है सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना.

पूर्व सीएम कमलनाथ की सरकार जब से गिरी है तब से वो सोशल मीडिया पर खासे एक्टिव हैं. कभी सोशल मीडिया पर शिवराज को लताड़ते हैं. कभी आलोचना करते हैं. तो कभी पत्र लिख कर ट्विटर पर उसका ढिंढोरा भी पीटते हैं. मुख्यमंत्री नहीं रहे तो लंबी लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने लगे. वो भी ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए. पर ये असली कमलनाथ नहीं है. दरअसल कमलनाथ तो वो नेता हैं जिनसे मिलने के लिए घंटो इंतजार करना पड़ता था. खासतौर से मीडिया के लिए वो कभी आसानी से उपलब्ध नहीं माने गए. सियासी गलियारों में तो ये कहा भी जाने लगा कि ये कॉरपोरेट कल्चर वाली सरकार है. पर जैसे ही सत्ता से आरूढ़ हुए कमलनाथ का मिजाज ही बदल गया है. अब कमलनाथ हर दूसरे दिन ट्विटर पर एक्टिव नजर आते हैं. पत्रकारों से लंबी लंबी कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. अंबेडकर जयंति जैसे दिनों पर अलग से वीडियो भी रिलीज कर रहे हैं. और शिवराज सरकार के हर फैसले पर प्रतिक्रिया देना नहीं भूलते. पर भई पूर्व सीएम साहब अगर आप पहले ही इतने सोशल और फ्रेंडली होते तो शायद आज ये दिन नहीं देखना पड़ता.

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