सुना आपने कमलनाथ क्या कह रहे हैं. सुना मगर समझे नहीं तो एक बार फिर सुनिए. क्या बोल गए कमलनाथ.
कमलनाथ अपने इस्तीफे की तारीख बता रहे हैं सोलह मार्च. पर इस्तीफा तो उन्होंने सोलह मार्च को दिया नहीं बल्कि बीस मार्च को दिया. फिर चार दिन पहले की तारीख क्यों बोल पड़े. ऐसा भी नहीं कि ये कमलनाथा स्लिप ऑफ टंग था. क्योंकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस पत्रकार वार्ता को अटेंड कर रहे पत्रकारों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री ने बहुत बार इस्तीफे की यही तारीख दोहराई. पर भला क्यों. क्या ये साबित करने के लिए कि बीजेपी ने जानबूझ कर लॉकडाउन में देरी की. अब गलत तारीख बताने के पीछे कमलनाथ की मंशा क्या थी ये तो कमलनाथ ही बेहतर बता सकते हैं. या फिर इसके पीछे कांग्रेस का कोई बड़ा खेल छिपा है.