प्रदेश में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है। नेता चुनाव प्रचार में तेजी ला रहे हैं। और ज्यादा से ज्याद जनसभाएं करने की कोशिश कर रहे हैं। पर इन नेताओं के एक समान भाषण और वही पुराने वादों और जुमलों से जनता ऊब चुकी है। जिसका साफ असर इन रैलियों में देखने को मिल रहा है। हाल ही में बैतूल में हुई कमलनाथ की सभा में कुर्सियां खाली नजर आई। हालांकि इसके लिए पार्टी कांग्रेस प्रत्याशी रामु टेकाम को जिम्मेदार ठहरा रही है। पार्टी के नेताओँ के अनुसार रामू टेकाम का जनाधार कम है इसलिए कमलनाथ की सभा में भीड़ नहीं जुटी। खैर कारण कुछ भी हो पर मतदान से ठीक पहले कमलनाथ की सभा में कुर्सियों का खाली होना कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। और यदि इनका असर मतदान में भी दिखा तो कांग्रेस को प्रदेश में बड़ा नुकसान हो सकता है।