राज्यसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह की जोरदार जीत के बाद दिग्विजय और कमलनाथ की ये तस्वीर काफी वायरल हुई. कमलनाथ दिग्विजय सिंह के जीत के जश्न का हिस्सा बने. मोतीचूर के लड्डू खिलाकर दोनों ने खुशियां बांटी. हालांकि दोनों नेताओं के रिश्ते जितने खुशगवार दिख रहे हैं उतने हैं नहीं. शायद कमलनाथ अब तक ये भूले नहीं हैं कि कैसे दिग्विजय सिंह की वजह से उनकी सरकार गिरी. एक मीडिया हाउस को इंटरव्यू देते समय भी कमलनाथ ने ये कहा था कि दिग्विजय सिंह विधायकों का मिजाज सही तरीके से जज नहीं कर पाए. इसलिए सरकार गिर गई. हालांकि बाद में उन्होंने ये भी कहा कि उनकी बात को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया. इसके बाद दोनों नेता जिस तरीके से साथ दिखे तो यही लगता रहा कि दोनों पुराने गिले शिकवे भुला चुके हैं. पर अब जो फेरबदल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में चल रहा है उसे देखते हुए लगता है कि कमलनाथ सब कुछ भूले नहीं है. वो दिग्विजय सिंह के खिलाफ गुपचुप मिशन शुरू कर चुके हैं. और धीरे धीरे उन्हें कमजोर करने का काम शुरू कर चुके हैं. जिसकी शुरूआत पीसीसी के कोषाध्यक्ष पद से गोविंद गोयल को हटा कर हो चुकी है. गोविंद गोयल दिग्विजय सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं. ऐसे में उनके खास को पद से हटा कर कमलनाथ ने संदेश दे दिया है कि वो दिग्विजय सिंह के भरोसे सरकार में वापसी करने के मूड में नहीं है. ये बात उन लोगों के लिए खतरा हो सकती है जो उपचुनाव में टिकट के लिए दिग्विजय सिंह के आगे पीछे हो रहे हैं. हो सकता है दिग्गी के करीब रहने का उन्हें फायदे की जगह नुकसान हो जाए.
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