मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार में सिंधिया गुट के मंत्रियों की उपेक्षा की बात अक्सर सामने आती है। कई बार सिंधिया गुट के मंत्री अपने काम नहीं होने और विभागीय अफसरों के बात नहीं सुनने की शिकायत सार्वजनिक तौर पर कर चुके हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी का बयान सामने आया है। अनूसूचित जनजाति अधिकारी कर्मचारी वर्ग के सम्मेलन में इमरती देवी का दर्द छलक उठा। इमरती देवी ने सरकार पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि मंत्री होने के बावजूद उनसे पूछे बिना उनके विभाग के अधिकारी का तबादला कर दिया गया। यहां तक कि तबादले की जानकारी भी इमरती देवी को नहीं मिली। इमरती देवी ने कहा कि वे किसी की दया से विधायक नहीं बनी हैं। सियासी हलकों में इमरती देवी की इस नाराजगी और उसके सार्वजनिक रूप से इजहार को कमलनाथ कैबिनेट में बड़ी बगावत के रूप में देखा जा रहा है। गौरतलब है कि सिंधिया गुट के दूसरे मंत्री भी कमलनाथ और उनके नजदीकी मंत्रियों से उलझ चुके हैं। वहीं अब इमरती देवी का ताजा मामला इस बात का इशारा कर रहा है कि प्रदेश में सब कुछ ठीक ठाक नहीं है।