मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार और बिजली रानी के बीच लगता है कोई पुरानी दुश्मनी है। दिग्विजय शासनकाल में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने वाली बिजली की नाराजगी कमलनाथ सरकार में भी दूर नहीं हुई है। सरकार के तमाम दावों और वादों के विपरीत बिजली का रूठना बदस्तूर जारी है। और सबसे हास्यास्पद स्थिति तो तब हो जाती है जब सरकार के किसी मंत्री के कार्यक्रम में बिजली गुल होती है। एक बार फिर वही नजारा देखने को मिला जब खुद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में बैठकर पत्रकार वार्ता कर रहे थे। जब ऊर्जा मंत्री प्रदेश में भरपूर बिजली होने और सप्लाई में कोई कमी नहीं होने के दावे कर रहे थे तभी बिजली ने रूठकर ऊर्जा मंत्री की बातों को झुठला दिया। जानकारी के मुताबिक ऊर्जा मंत्री को इसमें भी किसी की शरारत नजर आ रही है। अब प्रदेश में आपकी सरकार है, बिजली विभाग आपका है, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय आपका है और ऐसे में अगर कोई आपके कार्यक्रम में शरारत करके बिजली गुल करा रहा है तो ये किसकी नाकामी है ये ऊर्जा मंत्री के लिए सोचने की बात है।