देश की 17 वीं लोकसभा का सत्र सोमवार से शुरू हुआ। 40 दिनों तक चलने वाले इस सत्र के पहले दो दिनों में सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। 20 जून को राष्ट्रपति दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे। 5 जुलाई को बजट पेश किया जाएगा। इस बार की लोकसभा में कई खास बातें हैं लेकिन एक खास बात ये भी है कि इस बार सिंधिया घराने का कोई व्यक्ति लोकसभा में चुनकर नहीं गया है। पिछली चार लोकसभा में लगातार चुनकर आते रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया की कुर्सी खाली रही। जानकारी के मुताबिक आज़ादी के बाद से ही सिंधिया परिवार से कोई न कोई व्यक्ति लोकसभा का चुनाव जीतकर सदन में बैठता आया है। राजामाता सिंधिया के बाद माधवराव सिंधिया और उनके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा में बैठते रहे हैं लेकिन इस बार सिंधिया अपने ही पूर्व प्रतिनिधि केपी यादव से हार गए हैं और लोकसभा में नहीं पहुंच पाए हैं। वैसे 17 वीं लोकसभा में सिंधिया के अलावा और भी कई दिग्गज नेता नहीं दिखेंगे. इसमें वे नेता भी शुमार हैं, जिनकी आवाज पिछले तीन दशक से भी अधिक समय तक संसद में गूंजती रही. बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेता इस बार लोकसभा में नहीं दिखेंगे। ये सभी नेता या तो चुनाव मैदान में नहीं उतरे या फिर चुनाव हार गए हैं।