बीजेपी राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान कल से सुर्खियों में है. कैमरे को हुजूम के बीच वो बड़ी अदा से ये बोल गए कि टाइगर अभी जिंदा है.
पर उनके इस एक डायलोग ने मध्यप्रदेश की राजनीति में उफान ला दिया. ये डायलोग पहले तो शिवराज सिंह चौहान भी बोल चुके हैं. अब इस जुमले को दोहरा कर क्या सिंधिया ये साबित करना चाहते हैं कि अब टाइगर कोई और है. वजह चाहें जो भी हो सिंधिया के इस चंद अल्फाजों ने सियासी दुनिया को नया शगूफा दे दिया है. जितने लोग हैं उतनी ही तरह के इंटरप्रिटेशन्स हैं. किसी ने कहा कि अब बीजेपी को नया टाइगर मिल गया है. तो किसी ने याद दिला दिया कि एक जंगल में दो शेर नहीं रह सकते. यानि आगे चलकर कलह तो होगी ही. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी इस मामले पर चुटकी लेना नहीं भूले. जिन्होंने ट्वीट कर बताया कि वो और माधवराव सिंधिया यानि कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता एक साथ शिकार किया करते थे. लेकिन बाद में शिकार पर बैन लगा तो अब शेरों को सिर्फ कैमरे में कैद करते हैं. भई ठीक है दिग्विजय सिंह ने ये तो बता दिया कि उन्होंने बहुत शेरों का शिकार किया है. पर ये भी तो साफ जाहिर कर ही दिया कि अब वो शिकार करना बंद कर चुके हैं. अब शेर सिर्फ उनके कैमरे में कैद होते हैं. तो क्या ये मान लिया जाए कि अब सिंधिया को शिकार होने का कोई डर नहीं. क्योंकि दिग्विजय सिंह ये काम बहुत पहले ही शिकार करना छोड़ चुके हैं.
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