मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ना और फिर जीतना. वो भी उस वक्त की कद्दावर मंत्री अर्चना चिटनिस के खिलाफ. भई बड़े दम की बात है. जिसमें यकीनन किस्मत का भी हाथ है. पर अब लगता है सुरेंद्र सिंह शेरा भईया के लिए किस्मत के हाथ की पकड़ कुछ ढीली पड़ रही है. इसलिए देखिए न जब भी मंत्रीपद नजदीक आता है किस्मत उन्हें सरका कर दूर ले जाती है. पहले कमलनाथ सरकार में मंत्री बनने का ऑफर मिला. शेराभइया उस वक्त कमलनाथ के मुरीद बन गए. पर हाय री किस्मत मंत्री बनने से पहले ही कमलनाथ सरकार गिर गई. अब मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में ये खबरें तेज हैं कि मई के पहले सप्ताह में शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. जिसमें शेरा भईया का नंबर आना भी तय ही माना जा रहा था. लेकिन इस बार कोरोना ने शेरा का रास्ता रोक दिया. दरअसल शेरा के क्षेत्र में कोरोना पॉजीटिव पाए जाने के बाद पूरा क्षेत्र सील है. शेरा के घर के बाहर तो बकायदा क्वारेंटाइन का बोर्ड भी लगा है. यानि शेरा चाहें भी तो घर से नहीं निकल सकते. और जब तक ये 14 दिन की मियाद पूरी होगी तब तक हो सकता है मंत्रिमंडल शपथ ले चुका हो. यानि शेरा की तकदीर एक बार फिर उनसे दगा करने वाली है.