कांग्रेस न तो अपने विधायकों को संभाल पा रही है न उन नेताओं को संभाल पा रही है जो बाहर से इम्पोर्ट होकर पार्टी में आए हैं. कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे देने का दौर जोरदार रूप से जारी है. ज्योतिरादित्य सिंधिये के बाद 92 पर सिमटी कांग्रेस के पास अब सिर्फ 89 विधायक बचे हैं. उनमें भी कितने बचेंगे ये फिलहाल कहा नहीं जा सकता. दूसरी तरफ पार्टी में कुछ ही समय पहले आए फूल सिंह बरैया भी गाहे बगाहे याद दिलाने लगे हैं कि उन्हें भी उपचुनाव में टिकट चाहिए. हालांकि अभी उनका रवैया पूरी तरह से अनुशासित है. जब उनसे पूछा गया कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिला तो वो क्या करेंगे. उस वक्त बरैया ने बेहद विनम्रता से जवाब दिया कि वो चुनाव लड़ेंगे या नहीं ये कांग्रेस ही तय करेगी. पर वो ये भी कहने नहीं चूके कि वो भांडेर से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इससे साफ है कि बरैया को कांग्रेस से टिकट मिलने की पूरी उम्मीद है. वैसे भी बरैया का सियासी इतिहास बेहद बगावती रहा है. टिकट न मिलने पर वो पार्टी बदलने से कभी नहीं चूके. इसलिए कांग्रेस ने अगर ये फैसला लेने में देर लगाई तो शायद एक और मुफीद उम्मीदवार पार्टी के हाथ से निकल सकता है.