भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा पर महाराष्ट्र के मालेगांव में ब्लास्ट करवाने का आरोप है। मालेगांव ब्लास्ट केस के विशेष लोक अभियोजक अविनाश रसाल के मुताबिक साध्वी प्रज्ञा अब भी आरोपी हैं. और उन पर मुकदमा चल रहा है. 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में बम धमाका हुआ था. शुरुआती जांच के बाद साध्वी प्रज्ञा को 24 अक्टूबर, 2008 को गिरफ्तार कर लिया गया. वह 9 सालों तक जेल में रहीं. 25 अप्रैल, 2017 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कुछ शर्तों पर जमानत दे दी थी।
आरोप 1- महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए एक विस्फोट में 6 लोग मारे गए थे. ये ब्लास्ट मोटरसाइकिल के जरिए किया गया. जो मोटरसाइकिल इस विस्फोट के लिए इस्तेमाल की गई, वो साध्वी प्रज्ञा ने अपने एक करीबी रामचंद्र उर्फ रामजी कालसांगरा को मुहैया कराई थी. कालसांगरा अब तक फरार है.
आरोप 2- बम धमाके के आरोपियों के साथ साध्वी प्रज्ञा की फोन पर बातचीत रिकॉर्ड की गई है.
आरोप-3- धमाके से पहले सभी आरोपियों की भोपाल में एक बैठक हुई थी, इसमें साध्वी प्रज्ञा भी मौजूद थीं. महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड यानी ATS उन्हें मालेगांव बम धमाके की ‘मुख्य साजिशकर्ता’ मानता है.