कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के दौरान प्रदेश में करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है. वाणिज्यिक कर, उत्पाद शुल्क, वाहन कर, स्टॉम्प पंजीकरण शुल्क, खनन, जल कर में ये घोटाला किया गया. इस वजह से प्रदेश के सरकारी ख़ज़ाने को कुल मिलाकर 6270.37 करोड़ का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि शिवराज सरकार के दौरान प्रदेश की पेंच परियोजना में करीब 376 करोड़ की अनियमितता की गयी. इसी तरह सार्वजनिक उपक्रमों से 1224 करोड़ का नुक़सान हुआ. कैग की रिपोर्ट में जनजाति के लिए विद्यालय, छात्रावास के संचालन में 147.44 करोड़ की अनियमितता उजागर की गयी है। जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की 9557.16 करोड़ की कुल 242 योजनाओं में से 24 परियोजना की 4800.14 करोड़ लागत बढ़ी है।