मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनावों में दो प्रमुख पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की इज्जत दांव पर लगी है। कांग्रेस की ओर से जहां खुद सीएम कमलनाथ विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं वही पार्टी के बाकी कई दिग्गज नेता जैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, अजय सिंह, विवेक तन्खा, कांतिलाल भूरिया खुद लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और दूसरे लोगों के लिए प्रचार करने के बजाय अपने चुनाव क्षेत्र से ही बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। बीजेपी की ओर से खुद प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह चुनाव लड़ रहे हैं इनके अलावा दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर भी लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं। स्थिति ये है कि इन दिग्गजों के अपने चुनाव क्षेत्र में सिमट जाने के कारण प्रदेश में प्रचार की जिम्मेदारी कुछ गिने-चुने नेताओं और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं पर आ गई है। कांग्रेस की ओर से सिर्फ कमलनाथ ही पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर सभाएं ले रहे हैं जबकि सिंधिया और दिग्विजय सिंह अपने इलाकों में ही सीमित हैं। बीजेपी की ओर से शिवराज सिंह चौहान ही अभी तक एक्टिव हुए हैं। प्रदेश के मंत्रियों की अगर बात करें तो अधिकांश मंत्री अपने-अपने इलाकों में ही सिमटे हुए हैं और बाहर नहीं निकल रहे हैं। हाई कमान की ओर से भी मंत्रियों को अपना जिम्मेदारी वाला इलाका नहीं छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों का ही सहारा बचा है।