कहा था पति की शहादत पर आंसु नहीं बहाऊंगी. ये उनका अपमान होगा. जो कहा था वो वादा निभाया. ये किसी आम महिला के बस की बात नहीं. कंधे पर मेडल सजे हों या न सजे हों लेकिन सीने में एक फौजी सा जिगर चाहिए. अपने इस कहे को निभाने के लिए. शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी शर्मा ने जो कहा वो कर दिखाया. सामने तिरंगे में लिपटा शहीद पति का शव रखा था. लेकिन ये वीरांगना ठस से मस नहीं हुई. जब तक अंतिम विदाई की धुन बजती रही. पल्लवी शर्मा सैल्यूट कर खड़ी रहीं. आंखों से अफसोस का एक आंसु नहीं गिरा. बल्कि चेहरे पर फख्र ही लकीरें उभरती रहीं. कर्नल आशुतोष शर्मा हंदवाड़ा एनकाउंटर में आतंकियों का मुकाबला करते मारे गए. आज यानि कि मंगलवार की सुबह जयपुर में उन्हें अंतिम विदाई दी गई. जहां शहीद का परिवार सीना तान कर खड़ा था. मानो कह रहा था कि सीना सिर्फ फौजियों का ही फौलाद सा नहीं होता उनका परिवार भी फौलादी जिगर रखता है. जिससे टकराकर दुश्मन धराशाई हो जाता है. शायद फौजियों के परिवार की यही हिम्मत उन्हें सीमा पर डट कर मुकाबला करने का हौसला देती है. ताकि कोई आतंकी भारत को निस्तेनाबूत करने के मंसूबे न पाल सके. हंदवाड़ा एनकाउंटर के शहीदों को न्यूज लाइव एमपी नमन करता है. और सैल्यूट करता है पल्लवी शर्मा जैसी वीर पत्नियों को जिनके दम पर हर फौजी सीमा पर चट्टान बन कर लड़ता है.