बीते एक साल में कांग्रेस के इन वरिष्ठ नेताओं ने छोड़ दी दुनिया

अगस्त 2018 से लेकर अगस्त 2019 तक कांग्रेस पार्टी कई वरिष्ठ राजनेताओं का निधन हुआ है। साल भर में कांग्रेस पार्टी से इन वरिष्ठ नेताओं का जाना एक बहुत बड़ी क्षति है। हम आपको बता रहे हैं एक साल के भीतर कांग्रेस के किन बड़े नेताओं ने इस दुनिया को अलविदा कहा है।

भीष्म नारायण सिंह (13 जुलाई 1933 – 1 अगस्त 2018)- भीष्म नारायण सिंह 1984 से 1989 तक असम और मेघालय (सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार) के राज्यपाल रहे थे। साथ ही 1991 से 1993 तक वह तमिलनाडु के राज्यपाल भी रहे जिसमें पुडुचेरी (तत्कालीन पांडिचेरी) और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का अतिरिक्त प्रभार भी शामिल है। वे वर्ष 1967 में पहली बार बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए। वर्ष 1976 में वे राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्होंने केंद्र में संसदीय कार्य, आवास, श्रम, खाद्य, नागरिक आपूर्ति तथा संचार मंत्री के रूप में कार्य किया था।

आरके धवन- (16 जुलाई 1937 – 6 अगस्त 2018) आरके धवन कांग्रेस के काफी वरिष्ठ और कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाते हैं। आरके धवन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव रह चुके हैं। इंदिरा गाँधी की हत्या के वे प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं।

मनोहर सिंह जाड़ेजा-(18 जून 1935 – 27 सितंबर 2018)- मनोहर सिंह जाड़ेजा गुजरात के राजकोट के शाही परिवार के वंशज होने के अलावा चार बार के विधायक और गुजरात सरकार में वित्त मंत्री रहे। जाडेजा एक अच्छे क्रिकेटर भी थे।

नारायण दत्त तिवारी (18 अक्टूबर 1925 – 18 अक्टूबर 2018) एनडी तिवारी उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड (तब उत्तरांचल) के मुख्यमन्त्री रहे। तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के (1976-77, 1984-85, 1988-89) रहे और (2002-07) में नवगठित उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रहे। 1986 और 1988 के बीच, तिवारी ने राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में विदेश मामलों के मंत्री और फिर वित्त मंत्री के रूप में भी काम किया था। एनडी तिवारी 2007 से 2009 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।

शीला दीक्षित ( 31 मार्च 1938 – 20 जुलाई 2019 ) – दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और केरल की राज्यपाल रहीं शीला दीक्षित का 81 साल की उम्र में 20 जुलाई को निधन हो गया था। वे साल 1984 से साल 1989 तक वे कन्नौज (उत्तर प्रदेश) से सांसद रहीं. वे इस दौरान लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं। शीला दीक्षित को साल 2014 में केरल का राज्यपाल बनाया गया था। लेकिन उन्होंने 25 अगस्त 2014 को इस्तीफा दे दिया था।

जगन्नाथ मिश्रा ( 24 जून 1937 – 19 अगस्त 2019) – डॉ. जगन्नाथ मिश्रा तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे साल 1975 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। वे दूसरी बार साल 1980 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। वे फिर तीसरी बार साल 1989 से साल 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे। वे बिहार के आखिरी कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे।

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