ग्वालियर में प्रैक्टिस करने वाले एक वकील ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री,उपराष्ट्रपति सहित सात पक्षकारों को नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में कहा गया है कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्वास्थ्य के बारे में सरकार मेडिकल बुलेटिन जारी करे। यदि 7 दिन में सरकार नोटिस का जवाब नहीं देती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।दरअसल पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली की सेहत को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मौजूदा सरकार के प्रमुख चेहरों में से एक जेटली का परिदृश्य से गायब होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। ग्वालियर में प्रैक्टिस करने वाले हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने इस बारे में कहा है कि जेटली सरकार के अभिन्न अंग होने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट हैं। उनका स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से खराब चल रहा है वह भाजपा के रणनीतिकार रहे हैं ।नोटिस में यह भी कहा गया है कि पिछले 10 दिनों से अरुण जेटली के बारे में कोई खबर नहीं है उन्हें टीवी और सार्वजनिक रूप से किसी मंच पर नहीं दिखाया गया है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह जेटली के स्वास्थ्य के बारे में मेडिकल बुलेटिन जारी करे। जिससे लोगों को उनके बारे में जानकारी हासिल हो सके। उन्होंने बताया कि जेटली को लंदन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लेकिन इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। इसलिए सरकार 7 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब दे अन्यथा वे कानूनी कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र होंगे ।अधिवक्ता उमेश बोहरे का कहना है कि उन्होंने अरुण जेटली के साथ 1996 से 98 तक सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर चुके हैं।