Loksabha Election 2019- MP में BJP पूरी 29 सीटें जीत जाती अगर…

MP में Loksabha Election 2019 में Congress Party 29 Loksabha Seats में से सिर्फ एक सीट जीत पाई है वो भी पूरे प्रदेश में सबसे कम अंतर से। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री Kamalnath के बेटे Nakulnath यहां से सांसद बने हैं। प्रदेश की बाकी 28 Loksabha Seats पर BJP का कब्जा हुआ है। अगर आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो MP की पूरी 29 Loksabha Seats पर BJP का कब्जा हो सकता था अगर दो-तीन फैक्टर्स नहीं होते। Kamalnath Son Nakulnath की इज्जत भारतीय गोंडवाना पार्टी के उम्मीदवार मनमोहनशाह बट्टी और नोटा को मिले वोटों के कारण बच गई। नकुलनाथ ने BJP के उम्मीदवार नत्थनशाह कवरेती को मात्र 37,536 वोटों के अंतर से हराया है जबकि Bhartiya Gondwana Party के Supremo Manmohanshah Batti को 35968 वोट मिले और NOTA पर 20324 वोट पड़े। इस लिहाज़ से नोटा और बट्टी के वोट ही हार-जीत के अंतर से ज्यादा हो रहे हैं। छिंदवाड़ा लोकसभा का रिज़ल्ट देखें तो पहले नंबर पर नकुलनाथ, दूसरे पर बीजेपी के नत्थनशाह कवरेती, तीसरे पर मनमोहनशाह बट्टी और चौथे नंबर पर नोटा को वोट मिले हैं। अब वो फैक्टर जिस पर अगर बीजेपी ध्यान दे देती तो ये सीट भी उसके खाते में जाती वह या तो मनमोहनशाह बट्टी को उम्मीदवार बनाती जैसा कि पहले खबरें आई थीं और खुद मनमोहनशाह बट्टी ने भी दावा किया था ऐसा होता तो बीजेपी और मनमोहनशाह बट्टी के वोट मिलाकर पार्टी को छिंदवाड़ा सीट जिता सकते थे या फिर बीजेपी मनमोहनशाह बट्टी को पार्टी में ही शामिल कर लेती इससे बट्टी अलग से चुनाव नहीं लड़ते और बीजेपी प्रदेश में 29 सीटें जीत जाती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बीजेपी के हाथ से मध्यप्रदेश में क्लीन स्वीप का मौका निकल गया। लेकिन पूरे छिंदवाड़ा में कमलनाथ और उनके बेटे की इतने कम अंतरों की जीत को लेकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। खुद सीएम कमलनाथ बमुश्किल 25-30 हज़ार वोटों के अंतर से जीत पाए हैं। जिस लोकसभा क्षेत्र से कमलनाथ खुद 9 बार सांसद रहे हों और उनकी जीत का अंतर लाखों में रहता हो, जिस विधानसभा सीट पर कमलनाथ के खासमखास दीपक सक्सेना ने भी इससे ज्यादा अंतर से जीत दर्ज की थी। इस बार की जीत कमलनाथ और नकुलनाथ के लिए खानापूर्ति ही रही और सिर्फ इसलिए संतोषजनक रही कि प्रदेश की सारी सीटों में से सिर्फ यही सीट नकुलनाथ जीत पाए वहीं कमलनाथ को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए विधानसभा चुनाव जीतना जरूरी था तो उनकी भी किरकिरी होने से बच गई।

(Visited 166 times, 1 visits today)

You might be interested in

LEAVE YOUR COMMENT