मंडी बामोरा के हजारिया महादेव मंदिर में सावन के चौथे सोमवार पर भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा| रेलवे स्टेशन से पूर्व दिशा में महज आधा किमी दूर स्थित ये प्राचीन मंदिर लोगों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। 1200 ईसा पूर्व बने इस मदिर में ऐसी शिवलिंग प्रतिमा है, जिसमें एक साथ एक हजार शिवलिंग के दर्शन होते हैं और इस मंदिर को हजारिया महादेव मंदिर के नाम से पहचाना जाता है। बताया जाता है कि मथलापुर की बाउली, भोजपुर के खंभ, उदयपुर के देहरा और मढ़बामोरा का मढ़ एक ही रात में बने थे। इसके बाद यहां मढ़बामोरा गांव बसा था। मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। जिस पत्थर से मंदिर बना है उस पत्थर को देखकर पता लगता है कि मंदिर परमार काल 1200 ई.पूर्व में बना है। मंदिर की खास बात यह है कि यहां कोई पुजारी नहीं है, भोले के भक्त खुद ही बेलपत्र और अन्य पूजन सामग्री शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। अभी भी राजा विराट की नगरी में हजारिया महादेव मंदिर से 200 मीटर के दायरे में 5 फीट की खुदाई पर मूर्तियां निकलती हैं जिन्हें लोग इसी मंदिर में रख जाते हैं या फिर अपने घर की पूजा स्थान पर रख लेते हैं जानकार बताते हैं कि यहां पहले कोई पुरानी बस्ती भू गर्भित हुई होगी।
मंडी बामोरा से दीपक राय की रिपोर्ट