राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आ गया. कुछ दिन भी गुजर गए. लेकिन कांग्रेस अब तक ये समझ नहीं पाई कि इस मुद्दे पर किस तरह रिएक्ट करना है. फैसले के दिन राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के सम्मान और सद्भावना बनाए रखने की बात कही. इक्का दुक्का कुछ और नेताओं ने भी इसी तरह रिएक्ट किया. कांग्रेस ने न तो अब तक खुलकर फैसले का समर्थन किया है और न ही खुलकर फैसला का विरोध किया है. मामला ही ऐसा है कि जिसमें एक गलत कदम से पार्टी को लेने के देने पड़ सकते हैं. लिहाजा पार्टी ने बीच का रास्ता अपनाया है खासतौर से एमपी में. जहां कांग्रेस अपनी सोफ्ट हिंदुत्व की छवि को कायम रखने की कोशिश कर रही है. बीजेपी की रामभक्ति के जवाब में कमलनाथ सरकार रामधुन में रमने की तैयारी में है. सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि को मजबूत करने के लिए सरकार बाइस करोड़ रूपए में राम वन गमन पथ कॉरिडोर के प्लान के साथ तैयार है. जिसमें श्राइन बोर्ड, पैदल ट्रेक, साइकिल ट्रेक, धर्मशालाएं बनवाई जाएंगी. कमलनाथ सरकार जल्द ही इस मामले में सप्लीमेंट्री बजट भी लाने की तैयारी में है.