जानिए कैसा रहा बाबूलाल गौर का सियासी सफर

बाबूलाल गौर का निधन, जानिए मजदूर से मुख्यमंत्री बनने तक की कहानी

 

बाबूलाल गौर का जन्म 2 जून, 1930 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले के नौगीर गांव में हुआ था। वे ‘भारतीय मज़दूर संघ’ के संस्थापक सदस्य रहे हैं। बाबूलाल गौर सन 1946 से ही ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ से जुड़ गए थे। उन्होंने दिल्ली तथा पंजाब आदि राज्यों में आयोजित सत्याग्रहों में भी भाग लिया था। गौर आपात काल के दौरान 19 माह की जेल भी काट चुके हैं। 1974 में मध्य प्रदेश शासन ने बाबूलाल गौर को ‘गोवा मुक्ति आन्दोलन’ में शामिल होने के कारण ‘स्वतंत्रता संग्राम सेनानी’ का सम्मान प्रदान किया गया था। बाबूलाल गौर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के अलावा शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में ‘नगरीय प्रशासन एवं विकास’, ‘भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास’ विभाग के मंत्री रह चुके हैं। गौर ने बी.ए. और एल.एल.बी. की डिग्रियाँ प्राप्त की हैं। बाबूलाल गौर पहली बार 1974 में भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में जनता समर्थित उम्मीदवार के रूप में निर्दलीय विधायक चुने गये थे। सन 1977 में वे गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और 2003 तक वहाँ से लगातार सात बार विधान सभा चुनाव जीतते रहे। उन्होंने 1993 के विधान सभा चुनाव में 59 हजार 666 वोटों से जीतकर रिकॉर्ड बनाया था और 2003 के विधान सभा चुनाव में 64 हजार 212 वोटों से जीतकर खुद का रिकॉर्ड तोड़ा था। बाबूलाल गौर दसवीं विधान सभा 1993-1998 में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक, सभापति, लोकलेखा समिति, सदस्य सरकारी उपक्रम समिति, विशेषाधिकार समिति के सदस्य रहे और संगठन में नगरीय निकाय के प्रभारी के साथ ही प्रदेश महामंत्री भी रहे। बाबूलाल गौर 7 मार्च, 1990 से 15 दिसम्बर, 1992 तक मध्य प्रदेश के स्थानीय शासन, विधि एवं विधायी कार्य, संसदीय कार्य, जनसम्पर्क, नगरीय कल्याण, शहरी आवास तथा पुनर्वास एवं ‘भोपाल गैस त्रासदी’ राहत मंत्री रहे। वे 4 सितम्बर, 2002 से 7 दिसम्बर, 2003 तक मध्य प्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। बाबूलाल गौर को 8 दिसम्बर, 2003 को नगरीय प्रशासन एवं विकास, विधि एवं विधायी कार्य, आवास एवं पर्यावरण, श्रम एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत मंत्री बनाया गया। उन्हें 2 जून, 2004 को गृह, विधि एवं विधायी कार्य तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री बनाया गया था। बाबूलाल गौर 23 अगस्त, 2004 से 29 नवंबर, 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें 4 दिसम्बर, 2005 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में वाणिज्य, उद्योग, वाणिज्यिक कर रोज़गार, सार्वजनिक उपक्रम तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री के रूप में शामिल किया गया था और 20 दिसंबर, 2008 को उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में फिर से सम्मिलित किया गया। पिछले कुछ दिनों से बाबूलाल गौर को तबीयत खराब होने के कारण भोपाल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ दिनों पहले गौर दिल्ली से इलाज करवाकर लौटे थे। 21 अगस्त मंगलवार को सुबह गौर ने इस दुनिया से विदा ले ली। गौर के निधन पर मध्यप्रदेश में 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।

 

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