महाराष्ट्र के चुनाव का हासिल क्या रहा. ये सवाल तो बहुत लंबा खिंचा. पर ये खिंचाव बीजेपी शिवसेना के तीन दशक पुराने गठबंधन को तोड़ गया. हालांकि दोनों दलों के बीच खींचतान पहले भी होती रही है. 1989 में आधिकारिक रूप से एक साथ आने के बाद भी दोनों पार्टियों में कई बार मनमुटाव हुआ. इस गठबंधन की शुरूआत बीजेपी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की पहल पर हुई थी. जिसके बाद दोनों पार्टियों ने 1989 का लोकसभा और 1990 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा. लेकिन उसके बाद हुए नगर निगम चुनाव में दोनों पार्टियां एकमत नहीं हो सकीं. सीट बंटवारे पर शिवसेना बीजेपी आमने सामने आ गईं. 1995 में फिर ये पार्टियां एक साथ हो गईं. इस चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी लेकिन सरकार बनी बीजेपी शिवसेना गठबंधन की. महाराष्ट्र के बाहर केंद्र की सत्ता में भी शिवसेना बीजेपी के साथ रही. इस इतिहास को देखते हुए लगता है कि अभी भले ही बीजेपी शिवसेना अलग अलग हो गई हों लेकिन आगे फिर ये पार्टियां एक हो सकती हैं.