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पहले प्रेमचंद गुड्डू और अब बालेंदु शुक्ला, और फिर शायद दीपक जोशी. जी हां बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस में आने वालों का सिलसिला यूं ही जारी रहने वाला है. जिस सिलसिले की शुरूआत प्रेमचंद गुड्डू ने की है. वो इतनी जल्दी थमने वाला नहीं है. क्योंकि कांग्रेस बहुत तेजी से पूरे प्रदेश का सर्वे करवा रही है. और ऐसे नेताओं को पार्टी से जोड़ रही है. जो पार्टी छोड़ कर जाने वाले नेताओं के क्षेत्र में उसका जनाधार बढ़ा सकती है. या बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकती है. इस काम को अंजाम देने के लिए कांग्रेस की नजर बीजेपी के उन नेताओं पर टिकी हैं जिनमें चुनाव लड़ने या मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है. इन्हीं में से एक हैं दीपक जोशी. जो हाटपिपल्या से चुनाव लड़ते रहे हैं. और बीजेपी को जता चुके हैं कि उनके लिए भी विकल्प खुला हुआ है. हालांकि इसके बाद बीजेपी से खबरें आई कि जोशी को समझा दिया गया है. इसके बाद भोपाल दौर पर आए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी दीपक जोशी से खास मुलाकात की. मुलाकात के बाद आश्वासन भी दिया कि दीपक जोशी ठीक हैं और पार्टी के साथ हैं. पर बालेंदु शुक्ला के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद फिर सवाल उठने लगे हैं कि क्या दीपक जोशी का नंबर भी आएगा. सियासी हलकों में जो खबर है उसके मुताबिक दीपक का असली फैसला तो तब ही पता चलेगा जब उपचुनाव नजदीक होंगे. इसलिए ये नहीं कहा जा सकता कि कैलाश विजयवर्गीय की समझाइश के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी शांत हो जाएंगे. क्योंकि शांत रहना उनके लिए पॉलीटिकल सुसाइड से कम नहीं होगा. इसलिए वक्त आने दीजिए दीपक की लो किस दिशा को जलाती है ये तब ही पता चलेगा.