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निसर्ग तूफान ने यूं तो मुंबई को अपना शिकार बनाया लेकिन मध्यप्रदेश में भी इसका असर नजर आया. प्रदेश में तूफान की वजह से लगातार बारिश होती रही. कहीं मूसलाधार तो कहीं रूक रूक कर. इस एक दिन की बारिश ने गर्मी से निजात तो दी लेकिन किसानों के चेहरे की शिकन बढ़ा दी. और गेहूं, चने की फसल को लेकर सरकारी इंतजामों की पोल भी खोल दी. प्रदेश में शायद ही ऐसा कोई जिला हो जहां खुले में गेहूं न रखा हो. जिसे बचने के लिए आननफानन में फौरी इंतजाम किए गए. ये है सीहोर का हाल. जहां के गेहूं पूरी दुनिया में मशहूर हैं. वहां गेहूं की फसल बारिश में इस तरह बरबाद हो रही है.
सागर में भी कमोबेश यही स्थिति बनी रही. जहां अनाज खुले में भीगता रहा.
सागर जिले की सुरखी विधानसभी सीट से आने वाले कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का इस मामले में क्या कहना है. जरा ये भी सुन लीजिए.
पन्ना, सतना, रायसेन में भी हालात कुछ जुदा नहीं रहे. जहां खुले में पड़े गेहूं और चना को बचाने के लिए अलग अलग जतन किए गए.
अलग अलग जगह के अधिकारियों के पास इस मामले में अलग अलग दलीलें हैं लेकिन ठोस कार्रवाई क्या की गई. इसका जवाब किसी के पास नहीं है
एक दिन की बारिश से ये हाल है. तो सोचिए मानसून में क्या होगा. जो अब सिर पर आ चुका है. बस कुछ ही दिन और मानसून प्रदेश की सीमा पर दस्तक दे रहा होगा. अगर सरकार ने तेजी नहीं दिखाई तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश का किसान किस हालात से गुजरेगा. ब्यूरो रिपोर्ट, न्यूज लाइव एमपी