लाड़कुई में लगे भगोरिया मेले में ढोल की थाप पर आदिवासी नाचते गाते नजर आए। इस आधुनिक युग में भी भगोरिया मेले में अपनी पारंपरिक वेशभूषा में बड़ी संख्या में शामिल हुए आदिवासी ढोल और मांदर की थाप पर नाचते गाते रहे। नसरुलागंज क्षेत्र के ग्राम लाडकुई में होली से पहले लगने वाले हाट बाजार में भगोरिया पर्व की धूम रहती है। आदिवासी बारेला समाज का होली पूर्व लगने वाला भगोरिया मेला महत्वपूर्ण होता है। भगोरिया के त्यौहार को मनाने बारेला आदिवासी समाज के लोग दूर-दूर ग्रामीण अंचलों से अपनी परंपरागत वेशभूषा में परिवार सहित आते है।