1. उमा भारती- पूर्व मुख्यमंत्री
उमा भारती को बीजेपी की फायरब्रांड नेता कहा जाता है। वे भारत की जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्री हैं। मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री रहने के अलावा कई बार सांसद और विधायक रह चुकी हैं। केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुकी हैं। भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी हैं। मध्यप्रदेश ही नहीं उत्तर प्रदेश से भी सांसद और विधायक का चुनाव जीत चुकी हैं। खुद की पार्टी बना चुकी हैं।
2. सुमित्रा महाजन- लोकसभा अध्यक्ष
ताई के नाम से प्रसिद्ध सुमित्रा महाजन भारत की लोकसभा अध्यक्ष हैं। वे इस पद पर आसीन होने वाली भारत की दूसरी महिला हैं। वे इन्दौर से लगातार आठ बार लोकसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना चुकी हैं। सुमित्रा महाजन पहली महिला हैं जो कभी लोकसभा चुनाव नहीं हारीं। और आठ बार लोकसभा चुनाव जीतने वाली पहली और एकमात्र महिला सांसद हैं। भाजपा के अलावा केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी हैं।
3. अर्चना चिटनीस- पूर्व मंत्री
बुरहानपुर से विधायक रहीं अर्चना चिटनीस मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार में महिला एवं बाल विकास और उच्च शिक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का दायित्व संभाल चुकी हैं। उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रही हैं। चिटनीस को उनके दबंग व्यवहार और धाराप्रवाह भाषण शैली के लिए जाना जाता है। राजनैतिक परिवार से संबंध रखने वाली अर्चना चिटनीस राजनीति में आने से पहले इंदौर के गुजराती कॉलेज में लेक्चरर रह चुकी हैं।
4. विजयाराजे सिंधिया- भाजपा नेत्री
राजमाता के नाम से लोकप्रिय विजयराजे सिंधिया मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि भारतीय राजनीति का एक प्रमुख व्यक्तित्व रही हैं। ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाली सिंधिया आजादी के बाद राजनीति में आईं और कई बार भारतीय संसद के दोनों सदनों में चुनी गई। वह कई दशकों तक जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्य भी रही। बहुत कम लोगों को पता है कि राजमाता सिंधिया ने अपना पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था और दूसरा चुनाव उन्होंने निर्दलीय लड़कर जीता था।
5. जमुना देवी- पूर्व उप-मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश की पहली विधानसभा की सदस्य रह चुकीं जमुना देवी को उनकी दबंगई के लिए आज भी याद किया जाता है। वे कई बार मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए चुने जाने के अलावा झाबुआ से सांसद भी रहीं और राज्य सभा की सदस्य भी रहीं। प्रदेश की लगभग हर कांग्रेस सरकार में मंत्री रहीं जमुना देवी को 1998 में उप-मुख्यमंत्री भी बनाया गया और वे प्रदेश की पहली महिला उप-मुख्यमंत्री के रूप में जानी जाती हैं। उनके दबंग व्यक्तित्व के कारण भाजपा शासनकाल में उन्हें विपक्ष की ओर से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था।
6. कल्पना परुलेकर- पूर्व विधायक
मध्यप्रदेश की राजनीति की कुछ दंबग महिलाओं में कल्पना परुलेकर को शामिल किया जा सकता है। कल्पना परुलेकर महिदपुर से विधायक रहीं। कांग्रेस में रहने के दौरान भी उन्होंने पार्टी में हो रहे गलत कामों के खिलाफ आवाज बुलंद की और विपक्ष में रहने के दौरान कई आंदोलनों का नेतृत्व किया। कांग्रेस छोड़ने के बाद भी उनकी दंबगता कम नहीं हुई। हालांकि बाद में कल्पना परुलेकर वापस कांग्रेस में शामिल हो गई थीं।
7. रामबाई परिहार – बसपा विधायक
बहुजन समाज पार्टी की ओर से दमोह की पथरिया विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं हैं। रामबाई अक्सर अपनी दबंगई को लेकर चर्चा में रहती हैं। मध्यप्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा में उन्होंने कांग्रेस को बाहर से समर्थन दिया लेकिन मंत्री बनाए जाने की मांग करके कई बार सरकार को धमकी देती रहती हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र में भी सरकारी कर्मचारियों को डांटने-डपटने के उनके वीडियो अक्सर वायरल होते रहते हैं।
8. कुसुम मेहदेले- पूर्व मंत्री
मध्यप्रदेश भाजपा की नेता कुसुम मेहदेले अपने अक्खड़पन और दबंग व्यवहार के कारण जानी जाती हैं। भाजपा में कई पदों पर रहने के अलावा वे भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रही हैं। बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान की सरकारों में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं कुसुम मेहदेले कई बार अपने बयानों और व्यवहार को लेकर सुर्खियों में आ चुकी हैं।
9. यशोधरा राजे – पूर्व मंत्री
सिंधिया राजघराने से संबंध रखने वाली यशोधरा राजे मध्यप्रदेश की कई भाजपा सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। शिवपुरी विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाली यशोधरा राजे 15वीं लोकसभा के लिए ग्वालियर से सांसद भी चुनी जा चुकी हैं। वह राजमाता विजयराजे सिंधिया की सबसे छोटी बेटी हैं। मध्यप्रदेश की राजनीति में चुनिंदा दबंग महिलाओं में यशोधरा को शुमार किया जाता है।
10. ऊषा ठाकुर- भाजपा विधायक
इंदौर से दो बार भाजपा विधायक ऊषा ठाकुर को पूरे प्रदेश में दबंगता के लिए जाना जाता है। मानव सेवा के लिए आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प ले चुकीं ऊषा ठाकुर को उनके समर्थक ऊषा दीदी के नाम से बुलाते हैं। ऊषा हमेशा अपने साथ कटार लेकर चलती हैं। महिलाओं को छेड़छाड़ से बचाने और गुंडों से निबटने के लिए वे उन्हें डंडे बाटने का अभियान चला चुकी हैं। अपनी हिंदूवादी छवि और बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। भारतीय जनता पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर काबिज रही हैं।