लोकसभा चुनाव से पहले ये नेता बदल सकते हैं पार्टी?

राजनीति में जिधर दम उधर हम का फॉर्मूला बहुत चलता है। जो पार्टी पॉवर में होती है उसमें शामिल होने की फिराक में दूसरे दलों के मतलबपरस्त नेता लगे ही रहते हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से ही भाजपा सहित कई पार्टियों के दिग्गज नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता रामकृष्ण कुसमरिया हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं इसके अलावा कई ऐसे नेता सत्ता आने के बाद कांग्रेस में लौट चुके हैं जो भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान उसमें शामिल हुए थे। हालांकि सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव के पहले और उसके बाद भी हवा का रुख देकते हुए कई नेता अपना पाला बदल सकते हैं। लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर या केंद्र में बीजेपी की सरकार नहीं बनने पर भी प्रदेश के कुछ नेता कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार बैठे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर हम कुछ नेताओं के नाम यहां बता रहे हैं जिनके पार्टी बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
1. बाबूलाल गौर (बीजेपी से कांग्रेस में)
भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर विधायक की टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं और अब लोकसभा के लिए ताल ठोंक रहे हैं। टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस में जाने की संभावना जता चुके हैं। कांग्रेस के कई नेता गौर के संपर्क में हैं और उन्हें कांग्रेस में आने का निमंत्रण भी दे चुके हैं। खुद बाबूलाल गौर कई मौकों पर CM कमलनाथ और कांग्रेस के दूसरे नेताओं की तारीफ करते रहते हैं।
2. अनुसुइया उइके (बीजेपी से कांग्रेस में)
अनुसुइया उइके ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस से ही की थी। वो भी लोकसभा टिकट की दावेदारी कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक उइके CM कमलनाथ सहित कई कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं। और जानकारों का कहना है कि एक रणनीति के तहत उन्हें कांग्रेस में लाकर BJP को झटका दिया जा सकता है।
3. संजय पाठक (बीजेपी से कांग्रेस में)
संजय पाठक भी पुराने कांग्रेसी हैं और कई मौकों पर CM कमलनाथ की तारीफ कर चुके हैं। सूत्रों की मानें तो पाठक का कांग्रेस में लौटने से राजनैतिक और व्यावसायिक हित भी जुड़ा हुआ है भाजपा की सत्ता के दौरान भी वे उन्होंने इसी कारण पार्टी जॉइन की थी। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस भी संजय पाठक को वापस बुलाकर लोकसभा का चुनाव लड़वाना चाहती है।
4. ममता पांडे (बीजेपी से कांग्रेस में)
सतना की महापौर ममता पांडे कई मौकों पर खुले मंच से कांग्रेस और कांग्रेसी नेताओं की तारीफ कर चुकी हैं। विंध्य क्षेत्र के राजनैतिक जानकारों का कहना है कि ममता पांडे भी मौके की तलाश में हैं और कभी भी कांग्रेस में जा सकती हैं।
5. नारायण त्रिपाठी (बीजेपी से कांग्रेस में)
नारायण त्रिपाठी मूल रूप से समाजवादी नेता हैं। वे 2009 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और 2013 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक भी बने थे। लेकिन 2014 में अचानक BJP में शामिल हो गए। अब चर्चा है कि प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद नारायण त्रिपाठी फिर से कांग्रेस में लौट सकते हैं।
6. हिमाद्री सिंह (कांग्रेस से बीजेपी में)
शहडोल की कांग्रेस नेत्री हिमाद्री सिंह ने बीजेपी के नेता नरेंद्र मरावी से शादी की है और अब कयास लगाए जा रहे हैं कि हिमाद्री बीजेपी में शामिल हो सकती हैं। हिमाद्री शहडोल में ज्ञान सिंह के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक कोर्ट से ज्ञान सिंह का निर्वाचन निरस्त होने के बाद अब बीजेपी हिमाद्री को लोकसभा का टिकट दे सकती है।

इसके अलावा इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के भी कई नेता कांग्रेस में जाने की कतार में हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार और पूर्व विधायक बलबीर दंडोतिया के अलावा BSP के कई नेता तो कांग्रेस में शामिल हो ही चुके हैं। बीएसपी के कुछ ऐसे भी नेता हैं जो लोकसभा चुनावों का इंतजार कर रहे हैं। अगर केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो वो भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

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