मध्य प्रदेश में 15 साल बाद जब कांग्रेस सरकार की वापसी हुई सत्ता में, उस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा था किसानों का। खुद राहुल गांधी ने ऐलान किया था कि किसानों का कर्ज 1 दिन में माफ होगा और जो किसानों के साथ न्याय नहीं करेगा उस सीएम को भी वह बदल देंगे । ऐसा मौका राहुल गांधी को तो नहीं मिल पाया कमलनाथ सरकार ही खुद ब खुद गिर गई । उस वक्त आपको याद होगा ज्योतिरादित्य सिंधिया किसानों के मुद्दे को लेकर बेहद मुखर थे। कांग्रेस में रहते हुए ही वह अक्सर यह चुनावी वादा कमलनाथ सरकार को याद दिलाते रहे और अंततः यह धमकी भी दी कि किसानों को दिया वादा पूरा नहीं हुआ तो वह सड़क पर उतर जाएंगे। अब इस मुद्दे को लेकर वह खुद तो सड़क पर नहीं उतरे लेकिन कमलनाथ सरकार जरूर सड़क पर आ गए। और अब शिवराज सिंह चौहान सत्ता पर काबिज हैं अब खबर यह है कि शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस की किसान कर्ज माफी योजना की दोबारा समीक्षा कर रही है और संभावनाएं जताई जा रही है कि वह बहुत जल्द इस योजना को बंद कर देंगे। कृषि मंत्री कमल पटेल भी इस आशय का संकेत दे चुके हैं। तो अब सवाल यह है कि जब सिंधिया कांग्रेस में रहते हुए किसानों के हक की आवाज तेजी से बुलंद करते रहे तो क्या बीजेपी में भी उनके सुर उतने ही मुखर होंगे जितने कांग्रेस के शासनकाल में थे या अब किसानों पर होने वाला अन्याय वह चुपचाप सहन कर जाएंगे।