मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बीजेपी नेताओं की नाराजगी सतह पर आ गई है. सिंधिया समर्थकों की खातिर पार्टी को अपने कई वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी करनी पड़ी है. इस लिस्ट में दो दर्जन से ज्यादा नाम शामिल हैं. जो अगर सीधे बीजेपी की सरकार बनती तो शायद मंत्रिमंडल का हिस्सा बनते. पर पहले कमलाथ की सरकार गिरी. इस सरकार को गिराने के लिए पहले सिंधिया समर्थकों को पार्टी में जोड़ा गया. बस यहीं से समीकरण गड़बड़ा गए. अब ऐसे दर्जनों नाम हैं जो इस बात का इंतजार कर रहे थे कि मंत्रिमंडल विस्तार होगा और उन्हें जगह मिलेगी. इसमें रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, नागेंद्र सिंह नागोद, गौरी शंकर बिसेन, रमेश मंदोला, हरिशंकर खटीक, जालिम सिंह पटेल, संजय पाठक जैसे कई नाम शामिल हैं. मंत्री बनने की रहीसही आस भी विस्तार के साथ खत्म हो गई. तो बगावत के सुर भी फूटने लगे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पहले भी शिवराज मंत्रिमंडल का हिस्सा रह चुके गौरी शंकर बिसेन ने भी बागी तेवर अख्तियार कर लिए हैं. जिन्होंने खुल कर कह दिया कि सिंधिया समर्थको की वजह से हम मंत्री नहीं बन सके. प्रदेश में जहां तहां विद्रोह के सुर फूटे, पार्टी की फायरब्रांड नेत्री उमा भारती ने भी मंत्रिमंडल पर नाराजगी जाहिर की तो रमेश मंदोला के समर्थक आत्मदाह की नौटंकी तक पहुंच गए. बगावत के ये शोले अब नजर आने लगे हैं. वैसे बीजेपी नेतृत्व की पैनी नजर इन बागियों पर टिकी है. जिन्हें शांत बनाए रखने की हर संभव कोशिश की जा रही है. अब देखना ये है कि ये कवायद कब तक काम आएगी. #gourishankarbisenonscindia #mpnews #newslivemp #gourishankarbisen #umabhartiangry #umabhartioncabinet #shivrajcabinet #jyotiradityascindia #scindiasamarthak #shivrajcabinetexpansion