मध्यप्रदेश में बहुत जल्द उपचुनाव होने हैं . और यह उपचुनाव भी सबसे ज्यादा उन सीटों पर होंगे जो ग्वालियर चंबल के तहत आती है. यानी वह सीटें जहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का वर्चस्व बहुत ज्यादा है . पर अब जो कांग्रेस ने चाल चली है उसे देखते हुए लगता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का जादू यहां फीका पड़ जाएगा. वजह यह है कि शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल में जिस तरीके से सिंधिया गुट के मंत्रियों को जगह दी है उससे साफ नजर आ रहा है कि सिंधिया गुट बीजेपी में ज्यादा प्रभावी नहीं है. जबकि कांग्रेस ने उप चुनावों को देखते हुए जिसे नेता प्रतिपक्ष घोषित किया है वह हैं गोविंद सिंह. जो ग्वालियर चंबल का जाना माना नाम है और सिंधिया के विरोधी गुट यानि कि दिग्विजय सिंह के गुटके भी रहे हैं . तो कह सकते हैं कि उप चुनावों को देखते हुए कांग्रेस ने तगड़ी तैयारी की है . दिग्विजय सिंह और कमलनाथ एक साथ कमर कसकर ग्वालियर चंबल को जीतने निकल पड़े हैं .वह भी बिना महाराज के. और इस बार महाराज अकेले यहां से मोर्चा संभालेंगे बीजेपी की तरफ से . तब देखना दिलचस्प होगा कि नेता प्रतिपक्ष ग्वालियर चंबल के इलाके से बनाकर कांग्रेस ने उस क्षेत्र को तवज्जो दी है चुनाव में उसे उसका कितना फायदा मिलता है. और महाराज को इसका कितना नुकसान उठाना पड़ता है.