लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चल रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए इंडियन रेलवे ने अलग अलग जोन के लिए नए निर्देश जारी किए हैं. रेलवे ने साफ कर दिया है कि जिस राज्य के लिए ट्रेन चलेगी उस राज्य की सरकार पूरा किराया जमा करेगी. जब पूरा पैसा जमा होगा उसके बाद टिकट दूसरे राज्यों में काम कर रहे मजदूर यानि प्रवासी कामगारों को सौंपा जाएगा. इस ट्रेन्स में मजदूरों की सुरक्षा पर भी फोकस किया गया है. ये सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित राज्यों की होगी. जो ये सुनिश्चित करेंगे कि स्टेशन में प्रवेश करने से लेकर ट्रेन में चलने वाले तक वही लोग हैं जिनके पास वैध पास है. और खास बात ये कि इस ट्रेन का सिर्फ एक ही स्टोपेज होगा. यानि जिस प्रदेश और शहर के लिए ये ट्रेन चली है उसी स्थान पर पहुंच कर ये ट्रेन रूकेगी. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए भी रेलवे ने गाइडलाइन जारी की है. जिसके तहत यात्री एक फिक्स दूरी पर ही बैठ सकेंगे. और एक ट्रेन में 12 सौ यात्री ही सफर कर सकेंगे. श्रमिकों के भोजन की व्यवस्था पर भी सोच समझ कर फैसला किया गया है. जिस प्रदेश से ट्रेन चलेगी उस प्रदेश की जिम्मेदारी होगी कि वो हर श्रमिक के लिए खाने पीने का इंतजाम करेगी. साथ ही सभी के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप भी डाउनलोड करवाएगी. पर जरूरी बात ये है कि जो लोग अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे. वो सीधे घर नहीं जा सकेंगे. पहले उनकी स्क्रीनिंग होगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें क्वारेंटाइन भी किया जा सकता है. इनमें से किसी भी नियम का पालन न होने पर रेल रद्द करने का रेलवे को पूरा अधिकार है.