मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनी. 459 दिन टिकी और फिर गिर गई. सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने कई वादे किए थे. पंद्रह साल की मेहनत के बाद सरकार बनी और पंद्रह महीने भी बिना किसी टेंशन के नहीं चल सकी. ये सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने बड़े बड़े वादे किए. जो सबको याद ही होंगे. कांग्रेस का सबसे बड़ा और पहला वादा था किसानों को कर्जमाफी.ये वादा ही आगे चल कर कांग्रेस में झगड़े की जड़ बना. ज्योतिरादित्य सिंधिया बार बार कहते रहे कि किसानों के कर्जमाफी के वादे को कांग्रेस पूरा करे पर उनकी एक नहीं चली. नतीजा क्या हुआ सब जानते हैं. और अब जब पार्टी बदल चुके हैं तो खुलकर कांग्रेसियों पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं. शिवराज मंत्रिमंडल में हिस्सा लेने भोपाल आए सिंधिया ने बीजेपी की वर्चुअल रैली में भी शिरकत की. और जमकर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी पर निशाना साधा. सिंधिया ने कहा कि दोनों झूठ बोलने वाले लोग हैं. जिन्होंने किसानों को कर्जमाफी के नाम पर झूठे सर्टिफिकेट बनवाकर दिए. इसके आगे उन्होंने कहा कि कमलनाथ को जेल भेजा जाना चाहिए. आईफा को लेकर भी सिंधिया हमलावर ही दिखे. कहा कोरोना से निपटने की जगह कमलनाथ आइफा की तैयारी कर रहे थे. इस तरह एक एक कर सिंधिया कमलनाथ के झूठ का पुलिंदा खोलते रहे. अब इन आरोपों की सच्चाई तो कमलनाथ या दिग्विजय ही जान सकते हैं.
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