बिजली की कमी और कटौती मध्यप्रदेश में हमेशा से ही कांग्रेस सरकार के गले की हड्डी रही है। पहले तो बिजली की कटौती को लेकर बदनाम हुए दिग्विजय सिंह ने अपनी सत्ता गंवाई। और अब 15 साल बाद भी बिजली कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का पीछा नहीं छोड़ रही है। जिसको देखकर लगता है कि कांग्रेसियों का बिजली से 36 का आकड़ा है। जब भी कांग्रेस सरकार आती है बिजली जानी शुरू हो जाती है। पर हद तो तब हो गई जब बिजली ने कमलनाथ से मतदान का अधिकार छीनने की साजिश कर डाली। छिंदवाड़ा में जैसे ही कमलनाथ वोट डालने पहुँचे। बिजली गुल हो गई। खैर भला हो कैमरमैन का जिसके फ्लैश की लाइट में कमलनाथ मतदान कर पाए। पर कमलनाथ बचे तो यह बिजली अपने पसंदीदा शिकार दिग्गी राजा के पीछे पड़ गई। भोपाल में दिग्गी लंबी-लंबी हांक रहे थे। तभी बिजली गुल हो गई। अब दिग्गी का गुस्सा बेचारे बिजली अधिकारी पर टूट पड़ा। पर दिग्गी को कौन समझाए कि दुनिया गोल है और यहाँ जैसे को तैसा ही मिलता है।