अभी बमुश्किल तीन चार दिन पहले की ही बात है. दमोह की सड़कों पर जमकर हंगामा हुआ. हंगामे की अगुवाई की पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ बिसेन ने. मामला पुराना था. देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड से जुड़ा. आपको याद दिला दें कि देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में बसपा विधायक रामबाई के परिजन आरोपी बनाए गए थे. जिन्हें कमलनाथ सरकार में क्लीनचिट मिल गई. पर उनका परिवार बार बार न्याय की गुहार लगाता रहा है. जिनके हक की आवाज उठा कर सिद्धार्थ मलैया ने फिर से मामले को पॉलीटिकल माइलेज दे दिया. उस वक्त तो ये माना गया कि इस तरह मलैया ने अपने बेटे सिद्धार्थ मलैया की पॉलीटिकल लॉन्चिंग कर दी है. क्योंकि उन्हें चंद ही घंटों में ढेर सारी सुर्खियां मिल गई थीं. पर इसके चार ही दिन बाद बाजी पलटती नजर आ रही है. ऐसा लग रहा है कि दबंग विधायक रामबाई से पंगा लेकर सिद्धार्थ मलैया फंस गए हैं. क्योंकि अब बीजेपी के ही कुछ नेता जयंत मलैया और सिद्धार्थ मलैया के खिलाफ मुखर हो गए हैं. जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल ने मलैया की गिरफ्तारी ने मलैया के खिलाफ ज्ञापन सौंपा है. शिवचरण पटेल कुर्मी समाज के नेता हैं और बीजेपी समर्थित जिला पंचायत के अध्यक्ष. इस नाते वो बीजेपी नेता ही हुए. जिनके टारगेट पर मलैया पिता पुत्र की जोड़ी है. पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर पटेल ने केरबना गोलीकांड में सह आरोपी बनाने की मांग की है. इससे साफ है कि रामबाई के खिलाफ आवाज उठा कर मलैया अपनी ही पार्टी के लोगों में फंस गए हैं.
#siddharthmalaiya #mpnews #newslivemp #gyapanaginstsiddharthmalaiya #rambai #siddharthmalaiyarallyindamoh #jayantmalaiya #siddharthmalaiya #damoh #hata #devendrachourasiahatyakand