मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाला मामले में पिछले 20 माह से फरार इंजन को सीबीआई ने यूपी के कानपुर से गिरफ्तार किया है। मनोज कुमार निषाद नाम का ये इंजन कैंडिडेट यूपी के अंबेडकर नगर का रहने वाला है। मनोज पिछले 20 महीने से पुलिस और सीबीआई की आंखों में धूल झोंक रहा था। उसने व्यापम के पीएमटी घोटाले में इंजन कैंडिडेट की भूमिका निभाते हुए पीछे बैठे स्टूडेंट्स को नकल करवाई थी। मनोज ने परीक्षा फार्म में फर्जी पता भरा था जिसके कारण पुलिस को उसे ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। मनोज कुमार निषाद को इंजन कैंडिडेट क्यों कहा जा रहा है आइए आपको बताते हैं क्या है व्यापम का इंजन-बोगी मॉडल?
सीबीआई के मुताबिक मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले में शामिल रैकेटियर्स ने सीट बेचने के लिए एक इंजन-बोगी मॉडल का ईजाद किया था। जिसमें ये रैकेटियर्स महाराष्ट्र, यूपी, राजस्थान जैसे राज्यों से होनहार मेडिकल के छात्रों को पैसों का लालच देकर बोगियों का इंजन बनाते थे। इसके बाद ये रैकेटियर्स व्यापम के अफसरों से मिलकर इस तरह से सीटिंग अरेंजमेंट करवाते थे ताकि इस इंजन कैंडिडेट को सबसे आगे की सीट मिले और उसके पीछे उन छात्रों की सीट रखवाई जाती थी जो पैसे देकर पीएमटी में पास होना चाहते थे, इन छात्रों को बोगी कैंडीडेट कहा जाता था। इंजन यानी नकल करवाने वाला और बोगी यानी नकल करने वाला। सीबीआई को अभी कुछ और इंजन कैंडिडेट की तलाश है।