मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा क्षेत्र नसरूल्लागंज में ही अधिकारियों की लापरवाही एक बार फिर उजागर होती नजर आ रही हैं. नगर के तहसील कार्यालय में पिछले कई सालों से किराये का पटवारी आदिवासी हल्के की कमान संभाले हुए हैं. इतना ही नहीं तहसील के अधिकारी इस पटवारी को अपने साथ वाहनों में बैठाकर रेत की कार्यवाही को अंजाम देते चले आ रहे हैं. लेकिन इस पटवारी पर आज तक अधिकारियों की मेहरबानी क्यों बनी हुई है .
दिनेश तोमर एसडीएम नसरुल्लागंज
हम बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण हल्का नंबर 3 इटावाखुर्द की, जहां पदस्थ पटवारी रमेश कीर ने अपने स्वास्थ्य की खराबी को मुख्य आधार बनाकर अपने स्थान पर एक किराये का पटवारी रख रखा हैं। जो पिछले कई सालो से आदिवासी हल्का इटावाखुर्द में पहुंचकर खुद को पटवारी बताता है। आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि यहां के ग्रामीण मूल पटवारी को जानते तक नहीं है। वह किराये के पटवारी को ही हल्का पटवारी समझकर अपने राजस्व संबंधी कार्य करवाते चले आ रहे है। लेकिन आज तक इस किराये के पटवारी पर कोई कार्यवाही नहीं की
बाइट- अर्जुन आर्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव
इतना सब कुछ होने के बाद भी अधिकारियों की मेहरबानी इस पटवारी पर क्यों बनी हुई हैं . और नकली पटवारी पर कोई कार्यवाही क्यो नहीं की गई यह संदेह बना हुआ हैं . वही अनुविभागिय अधिकारी का कहा कि उक्त मामले की जानकारी मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त हुई है . जाॅच के बाद कार्यवाही की जायेगी . बुधनी से मुकेश प्रजापति की रिपोर्ट
बाइट- श्यामसिंह बारेला, किसान इटावा खुर्द
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