मध्यप्रदेश में कांग्रेस को अल्पसंख्यक बनाने की कोशिश करने वाली बीजेपी खुद अल्पसंख्यक होती जा रही है। हम बात कर रहे हैं विधानसभा में सीटों की स्थिति की। विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के 109 विधायक जीतकर आए थे लेकिन झाबुआ विधायक जीएस डामोर सांसद बनए गए जिसके बाद बीजेपी की माला में 108 कमल रह गए। लेकिन बुधवार को हुए सनसनीखेज सियासी घटनाक्रम में बीजेपी की माला के 2 कमल कमलनाथ ने चुरा लिए और ये भी कहा जा रहा है कि ये विधायक इस्तीफा दे देंगे। जिसके बाद अब बीजेपी के विधायकों की संख्या सदन में 106 रह गई है। लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी का आंकड़ा तीन के अंक से भी कम हो सकता है यानी कि सदन में बीजेपी के विधायकों की संख्या 100 से भी नीचे जा सकती है। अभी भी कुछ विधायक ऐसे हैं जो बीजेपी की कमजोर कड़ी माने जा रहे हैं। दो के बाद भाजपा के जिन विधायकों के पाला बदलने की चर्चा है उनमें विजयपुर विधायक सीताराम आदिवासी, पवई विधायक प्रहलाद लोधी, मानपुर विधायक मीना सिंह मांडवे, सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह, मनगवां विधायक पंचूलाल प्रजापति सहित शहडोल जिले की एक और भाजपा विधायक कमलनाथ के संपर्क में हैं।
कम्युनिस्ट पार्टी से राजनीति शुरू करने वाले बीजेपी के विधायक गिरीश गौतम भी कई बार मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। इनके अलावा विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक, सीहोर विधायक सुदेश राय और सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन भी बीजेपी के लिए कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं।