सिंधिया समर्थक इमरती देवी के लिए कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री लाखन सिंह ने कुछ ऐसी बात कह दी कि उन्हें भाषा की मर्यादा बनाए रखने की सलाह मिलने लगी. इमरती देवी उन चंद कांग्रेस विधायकों में से एक थीं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के इशारे पर कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गईं. जबकि वो कमलनाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री भी थीं. फिर भी मंत्री पद छोड़ने और विधायकी जाने का डर तक उन्हें नहीं लगा और उन्होंने पार्टी बदल ली. पाला बदलने वाले सिंधिया समर्थकों पर कांग्रेस की नाराजगी जायज है. पर नाराजगी व्यक्त करते समय जुबान पर काबू रखना भी जरूरी है. पर लाखन सिंह ये बात भूल गए शायद और इमरती देवी पर कटाक्ष करते हुए लाखन सिंह ने कहा येबात गलत है कि इमरती देवी कोई मास लीडर या जनाधार वाली नेता हैं. डबरा कांग्रेस कल्चर वाली सीट है इसलिए वो वहां से आसानी से जीतती आई हैं. कुछ चुनिंदा पत्रकारों से चर्चा में इसके आगे जो लाखन सिंह ने कहा वो चौंकाता है. कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री रहे लाखन सिंह ने कहा कि इमरती के पास कहने के लिए कुछ बचा नहीं है. वो ये नहीं कहेंगी कि हमने 35-40 करोड़ रूपये ले लिए इसलिए चली गईं. वो ये नहीं कहेंगी कि वो सिंधिया की गुलानी करने की खातिर चली गईं. इस तरह कहते हुए लाखन सिंह इमरती के लिए कई बातें कहते चले गए. और भूल गए कि उनकी बात न कब कहां, कौन सी मर्यादा तोड़ दी.
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